भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियां और संबंधित उत्पादन
Bharat Ki Pramukh Krishi Krantiyan
भारत में कृषि क्रांति की शुरुआत हरित क्रांति से हुई |
भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966 में हुई ।
हरित क्रांति – हरित क्रांति का जनक डॉ नॉर्मन बोरलॉग को माना जाता है
हरित क्रांति की शुरुआत गेहूं और चावल फसलों के लिए की गई
इस क्रांति का सर्वाधिक प्रभाव गेहूं की फसल पर पड़ा ।
डॉक्टर नॉर्मन बोरलॉग मैक्सिको के निवासी थे।
भारत में हरित क्रांति का संस्थापक एमएस स्वामीनाथन को माना जाता है।
krishi kranti kya hai
भूरी क्रांति – भूरी क्रांति का संबंध खाद्यान्न प्रसंस्करण से है।
लाल क्रांति – लाल क्रांति का संबंध टमाटर तथा मांस उत्पादन से है।
पीली क्रांति – पीली क्रांति का संबंध सरसों व तिलहन उत्पादन से है।
काली क्रांति कृष्ण क्रांति – काली क्रांति का संबंध पेट्रोलियम उत्पादन से है।
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गुलाबी क्रांति – गुलाबी क्रांति का संबंध झींगा नामक मछली के उत्पादन से है।
गोल क्रांति – गोल क्रांति आलू उत्पादन से संबंधित।
सुनहरी क्रांति (2005-06 ) – सुनहरी क्रांति फल फूल एवं बागवानी उत्पादन से संबंधित।
नीली क्रांति – नीली क्रांति मत्स्य उत्पादन से संबंधित।
हरित सोना क्रांति – हरित सोना क्रांति बांस के उत्पादन से संबंधित।
रजत क्रांति – रजत क्रांति अंडो के उत्पादन से संबंधित।
सिल्वर क्रांति – सिल्वर क्रांति कपास उत्पादन से संबंधित
धूसर क्रांति – धूसर क्रांति सीमेंट उत्पादन से संबंधित
सनराइज क्रांति – सनराइज क्रांति इलेक्ट्रॉनिक उद्योग से संबंधित
अमृत क्रांति – अमृत क्रांति नदी जोड़ो अभियान से संबंधित
बादामी क्रांति – बादामी क्रांति मसालों के उत्पादन से संबंधित
श्वेत क्रांति – श्वेत क्रांति दुग्ध उत्पादन से संबंधित
भारत में महत्वपूर्ण क्रांति
श्वेत क्रांति का संस्थापक डॉ वर्गीज कुरियन को माना जाता है
डॉ वर्गीज कुरियन ने दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 1970 में ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत की थी
स्वर्ण रेशा क्रांति– स्वर्ण रेशा क्रांति जूट उत्पादन मे आत्मनिर्भरता के लिए
ग्रीन गोल्ड क्रांति- ग्रीन गोल्ड क्रांति चाय उत्पादन मे आत्मनिर्भरता के लिए।
परामनी क्रांति – परामनी क्रांति भिंडी उत्पादन मे आत्मनिर्भरता के लिए।
सदाबहार क्रांति– सदाबहार क्रांति समग्र कृषि विकास मे आत्मनिर्भरता के लिए।
सेफ्रॉन क्रांति – सेफ्रॉन क्रांति केसर उत्पादन मे वृद्धि हेतु।
स्वर्ण क्रांति – स्वर्ण क्रांति फल और शहद उत्पादन मे वृद्धि हेतु।
इंद्रधनुष क्रांति (2008 ) – इंद्रधनुष क्रांति सभी कृषि क्रांतियों पर निगरानी रखना
तो दोस्तों,
यह था आसान से शब्दों में भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियां और संबंधित उत्पादन Bharat Ki Pramukh Krishi Krantiyan जिसे Summary के रूप में लिखा गया है ताकि आप सभी लोग इसके मूल रूप को आसानी से समझ सके|
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