Divya Tanwar's strategy for UPSC in Hindi
UPSC topper success story in Hindi | UPSC preparation strategy
हर साल, हजारों अभ्यर्थी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देकर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी बनने का लक्ष्य रखते हैं। हालाँकि इस अत्यधिक प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, लेकिन इसे एक बार नहीं बल्कि दो बार उत्तीर्ण करने की कल्पना करें। IAS दिव्या तंवर ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दो बार उत्तीर्ण की।
IAS दिव्या तंवर समर्पण और कड़ी मेहनत का एक शानदार उदाहरण हैं, जिन्होंने दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में सफलता हासिल की है। यूपीएससी परीक्षाओं के क्षेत्र में, जहां सफलता कई लोगों के लिए एक दूर का सपना है, दिव्या की उपलब्धि आशा और प्रेरणा की किरण के रूप में चमकती है। एक मजदूर की बेटी से 2021 में सबसे कम उम्र की आईपीएस अधिकारी बनने तक दिव्या तंवर की कहानी अटूट दृढ़ संकल्प और प्रतिकूलताओं पर काबू पाने का एक प्रमाण है।
Divya Tanwar Biography in Hindi
IAS Divya Tanwar |
आईएएस दिव्या तंवर की पृष्ठभूमि (Background of IAS Divya Tanwar)
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के एक छोटे से गांव निम्बी गांव में जन्मी और पली बढ़ी दिव्या का बचपन आर्थिक तंगी से गुजरा। उनके पिता स्वर्गीय भंवर सिंह तंवर के असामयिक निधन ने परिवार की कठिनाइयों को और बढ़ा दिया। हालाँकि, उनकी माँ, बबीता तंवर ने शिक्षा की शक्ति को पहचाना और यह सुनिश्चित किया कि दिव्या और उसके भाई-बहनों को बाधाओं के बावजूद स्कूली शिक्षा मिले। शिक्षा पर इस शुरुआती जोर ने दिव्या की उल्लेखनीय यात्रा के लिए बीज बोए। नवोदय विद्यालय में पढ़ते समय, दिव्या का सीखने के प्रति दृढ़ संकल्प और उत्साह स्पष्ट हो गया। अपने सीमित संसाधनों के बावजूद, उनका लक्ष्य ऊँचा था।
दिव्या तंवर ने तैयारी कब शुरू की?
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, दिव्या ने यूपीएससी परीक्षा की ओर अपना सफर शुरू किया। अपनी माँ के समर्थन और बलिदान से प्रेरित शिक्षा के प्रति उनका समर्पण, उनकी सफलता की आधारशिला बन गया। दिव्या की सफलता की राह अथक तैयारी से तय हुई। अपने लक्ष्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ, उन्होंने अपने साधारण घर की सीमा के भीतर अपने ज्ञान और कौशल को निखारने में घंटों बिताए। कई लोगों के विपरीत, उसने अपनी आत्म-प्रेरणा और संसाधनशीलता का प्रदर्शन करते हुए बाहरी कोचिंग पर भरोसा नहीं करने का फैसला किया।
दिव्या तंवर का ऑप्शनल सब्जेक्ट क्या था?
👉 हिंदी साहित्य
प्रथम प्रयास में विजय:
21 साल की छोटी उम्र में, दिव्या तंवर ने वह हासिल किया जो कई लोग केवल सपना देख सकते थे: उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। 438वीं रैंक हासिल कर उन्होंने सबसे कम उम्र की आईपीएस अधिकारी का खिताब अपने नाम किया। उनकी उपलब्धि कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता की खोज के मिश्रण का प्रतीक है, जो हर जगह उम्मीदवारों के लिए एक आदर्श के रूप में काम करती है।
दूसरे प्रयास में लहराया परचम : 🥇
दिव्या तंवर का सपना आईएएस ऑफिसर बनने का था, इसीलिए पहले प्रयास में सफलता के बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी. दूसरी बार UPSC CSE 2022 परीक्षा में दिव्या तंवर की मेहनत एक बार फिर रंग लाई और वह 105वीं रैंक के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चुनी गईं।
दिव्या तंवर का यूपीएससी 2023 में रैंक क्या है?
👉 105वीं रैंक
IAS Divya Tanwar UPSC Marksheet 👇
एक प्रेरणा:
दिव्या तंवर की प्रतिकूलता से उपलब्धि तक की यात्रा एक उल्लेखनीय कहानी है जो दृढ़ता, पारिवारिक मूल्यों और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। उनकी कहानी चुनौतियों का सामना करने वाले उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है, जो यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और सही समर्थन के साथ, सभी बाधाओं के बावजूद सपनों को साकार किया जा सकता है।
उनकी यात्रा न केवल उनके सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है, बल्कि उनके भाग्य को आकार देने में परिवार के समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करती है।
उनकी सफलता अदम्य मानवीय भावना और प्रत्येक व्यक्ति के भीतर मौजूद महानता की क्षमता का प्रतिबिंब है।
सलाम है आपको दिव्या। जय हिन्द
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